हरिद्वार में जेल की रामलीला में वानर बने दो कैदी माता सीता की खोज करते करते खुद हो गए फरार अब पुलिस कर रही है उनकी तलाश
हरिद्वार जेल में रामलीला का मंचन एक चर्चा का विषय बन गया, जब दो कैदी वानर सेना के पात्र बनकर रामलीला के दौरान फरार हो गए। यह घटना जिले की जेल से सामने आई, जहां दोनों कैदी रामलीला में वानर सेना के सदस्य बने थे और माता सीता की खोज में निकले थे, लेकिन वे खुद फरार हो गए। घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने इन कैदियों की तलाश शुरू कर दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना की पूरी जानकारी
यह घटना तब हुई जब हरिद्वार जिला जेल में रामलीला का मंचन हो रहा था। रामलीला के दौरान कैदियों को वानर सेना के रूप में मंच पर उतारा गया था। दोनों कैदी पंकज और रामकुमार ने वानर का पात्र निभाते हुए रामलीला का हिस्सा लिया। मंचन के बीच ही दोनों ने कंस्ट्रक्शन साइट पर पड़ी सीढ़ी का फायदा उठाते हुए जेल की दीवार पार कर ली और फरार हो गए।
फरार कैदी कौन थे?
जिन दो कैदियों ने फरार होने का साहस दिखाया, उनमें से एक कैदी पंकज, हत्या के मामले में 302 के तहत सजायाफ्ता था। वह मंगलौर में एक हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। वहीं, दूसरा कैदी रामकुमार था, जिसे अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह अंडर ट्रायल कैदी था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई घटना
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि रामलीला के दौरान हरिद्वार जेल से दो कैदी फरार हो गए हैं। एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "यह वही कैदी हैं, जो हनुमान जी बने थे और रामलीला के दौरान माते-माते करते हुए फरार हो गए।" इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा दी है और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
पुलिस का बयान
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि सुबह करीब 6:30 बजे कंट्रोल रूम के माध्यम से उन्हें सूचना मिली कि दो कैदी जेल से फरार हो गए हैं। उनमें से एक सजायाफ्ता और दूसरा अंडर ट्रायल कैदी था। दोनों ने रात में सीढ़ी का उपयोग कर जेल की दीवार पार की और भाग निकले। पुलिस ने दोनों कैदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उनकी तलाशी की जा रही है।
कैसे हुआ फरार होने का प्लान?
एसएसपी ने बताया कि जेल में चल रही रामलीला के समय कैदियों ने इस अवसर का फायदा उठाया। जेल के भीतर कंस्ट्रक्शन साइट पर पड़ी एक सीढ़ी का इस्तेमाल कर उन्होंने दीवार फांद ली। रामलीला के दौरान उनकी गतिविधियों पर नजर नहीं रखी जा सकी, और इसी का फायदा उठाकर वे फरार हो गए।
प्रशासन के लिए चुनौती
यह घटना जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इस प्रकार का आयोजन जहां कैदियों को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था, वहीं अब यह घटना उनके लिए सिरदर्द बन गई है। पुलिस और प्रशासन दोनों ही इस घटना के बाद अलर्ट पर हैं और कैदियों की तलाश तेज कर दी गई है।
अब क्या हो रहा है?
फरार हुए कैदियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शहर के प्रमुख स्थानों पर चेकिंग शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों कैदियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं और इस बात पर विचार किया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सके।
निष्कर्ष
हरिद्वार जेल से दो कैदियों का रामलीला के दौरान फरार होना एक असामान्य और चौंकाने वाली घटना है। पुलिस और जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं और कैदियों की तलाश कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही दोनों कैदी पुलिस की गिरफ्त में होंगे, और इस घटना से प्रशासन अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाएगा।