हर 7 मिनट पर नोएडा फिल्म सिटी से एयरपोर्ट जाएगी लाइट ट्रांजिट ट्रेन, एक ही ट्रैक पर दौड़ेगी लाइट ट्रांजिट ट्रेन,नमो भारत, मेट्रो और LRT
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गाजियाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल और मेट्रो लाइन पर जल्द ही लाइट ट्रांजिट ट्रेन (LRT) चलने लगेगी। यमुना प्राधिकरण की 82वीं बोर्ड बैठक में इस योजना को प्रस्तुत किया गया और इसे शहरी विकास मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा गया है। योजना के तहत, यह ट्रेन फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक 14 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
इस योजना का उद्देश्य रैपिड रेल, मेट्रो और LRT को एकीकृत करना है ताकि ट्रैफिक की समस्याओं को हल किया जा सके और यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था मिल सके। LRT ट्रेन की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जबकि रैपिड रेल की स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जो लंबी दूरी के लिए उपयुक्त होगी, जैसे कि IGI एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट या नोएडा तक यात्रा करने के लिए।
योजना की विशेषताएं:
- रैपिड रेल और LRT एक ही ट्रैक पर चलेंगी, लेकिन समय और फ्रीक्वेंसी अलग होगी।
- हर साढ़े तीन मिनट में मेट्रो, पांच मिनट में रैपिड रेल, और सात मिनट में LRT ट्रेनें चलेंगी।
- इस परियोजना का कुल ट्रैक 71 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें दोनों जोन (गाजियाबाद से नॉलेज पार्क और नॉलेज पार्क से जेवर एयरपोर्ट) शामिल होंगे।
योजना का विवरण
- एलआरटी का मार्ग: लाइट ट्रांजिट रेल फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक चलेगी, जिसकी कुल दूरी 14 किलोमीटर है।
- मंजूरी: इस प्रस्ताव को अप्रूवल के लिए आवास विकास विभाग उत्तर प्रदेश ने शहरी विकास मंत्रालय को भेजा है।
- एक ही ट्रैक: नमो भारत रैपिड रेल, मेट्रो और एलआरटी तीनों ही एक ही ट्रैक पर चलेंगे।
- ट्रैक की लंबाई: पूरा ट्रैक 71 किलोमीटर लंबा होगा।
- रफ्तार:
- नमो भारत रैपिड रेल: 140 किलोमीटर प्रति घंटे
- मेट्रो: 40 किलोमीटर प्रति घंटे
- एलआरटी: हर 7 मिनट में एक ट्रेन चलेगी
- फंडिंग: 20% राज्य सरकार, 20% भारत सरकार और 60% एनसीआरटीसी द्वारा किया जाएगा।
इस योजना के फायदे
- यात्रा समय में कमी: एलआरटी के शुरू होने से नोएडा और गाजियाबाद के बीच की यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
- यातायात की समस्या का समाधान: एलआरटी से सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी जिससे यातायात की समस्या कम होगी।
- पर्यावरण के लिए फायदेमंद: एलआरटी एक पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन है।
- आर्थिक विकास: एलआरटी से क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।
फंडिंग का पैटर्न:
इस योजना की फंडिंग का पैटर्न भी तैयार हो गया है। फंडिंग में 20% राज्य सरकार, 20% भारत सरकार, और 60% NCRTC द्वारा वहन किया जाएगा। यदि NCRTC फंडिंग में असफल होती है, तो अन्य स्टॉकहोल्डर्स इसका खर्च वहन करेंगे।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि इस योजना को अगले दो महीने में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इससे ट्रांसपोर्टेशन सुविधाओं में बड़े सुधार होंगे और यात्रियों को बेहतर और तेज़ सेवा मिलेगी।
लाइट ट्रांजिट ट्रेन का महत्व:
इस योजना से यात्रियों को न केवल तेज़ गति से यात्रा करने का मौका मिलेगा, बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्याओं में भी कमी आएगी। LRT और रैपिड रेल के जरिए न केवल यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि यात्रा समय भी कम होगा।
अन्य पहलुओं की जानकारी:
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नोएडा सेक्टर 51 के मेट्रो लाइन के साथ इसे जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को अधिक विकल्प मिलेंगे। इसके अलावा, LRT के जरिए जेवर एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक के यात्रा का समय कम होगा, जिससे पर्यटकों और व्यवसायियों को लाभ होगा।